कैद मे रहने को मजबूर कई घरों के लोग, पुलिस प्रशासन के कार्यशैली पर उठ रहा है सवाल

कैद मे रहने को मजबूर कई घरों के लोग, पुलिस प्रशासन के कार्यशैली पर उठ रहा है सवाल

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ब्यूरो प्रभारी (कुंदन राज)

भागलपुर। जिले भर में अपराधियों का अपराध थमने का नाम नही ले रहा है। इसी कड़ी में एक और मामला नाथनगर प्रखंड के बहादुरपुर गावं से सामने आया है जहां आपसी विवाद को लेकर एक दर्जन से अधिक घरों के लोग अपने घर के चार दिवारी में कैद रहने को मजबूर है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जिले के कई ऐसे गांव व मोहल्ले में जिला पुलिस प्रशासन के द्वारा किए गए कार्यशैली को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं तो वही पुलिस प्रशासन के लोग आपसी विवाद के निपटारे को लेकर उदासीन रवैया बना हुआ है।

वही पुलिस द्वारा स्थिल कार्रवाई के कारण ग्रामीण इलाके के लोगों में आक्रोश व्याप्त है। मामले को लेकर ग्रामीण सूरज कुमार के चचेरे भाइयों ने जबरन बाहर निकलने के मेन रास्ते को बन्द कर दिया है जिससे सूरज व उनके घर के लोग अपने ही घर में कैद होकर रह गए है, वही उक्त रास्ते को लेकर वहाँ पर रहने वाले आसपास के लगभग एक दर्जन परिवार और उनके घर परिवार के लोग आज अपने ही घर में कैद होकर रह गए है।

मामले को लेकर ग्रामीण सूरज व उनके पड़ोस के लोगों ने बताया कि गांव के मार्ग का यह एक मात्र रास्ता है जिससे वो अपने घर से बाहर निकलते है लेकिन पास के दबंग ग्रामीण व उनके लोग अपनी दबंगई के कारण सूरज व उनके चचेरे चाचा व उनके लोग ने जबर्न आम रास्ते पर गेट लगा कर रास्ता ही बन्द कर दिया है, हालांकि दोनों तरफ से कजरैली थाना मे लिखित आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है।

वहीँ मामले को लेकर दूसरे पक्ष के लोगो ने बताया कि वो रास्ते वाली जमीन को पूर्व में खरीद लिए थे, साथ ही उन्होंने ये भी कहा की पहले सब इसी रास्ते से जाते आते थे, पर मेरे घर के दिवार के पीछे के हिस्से की दीवार पर प्लास्टर को लेकर सूरज ने विवाद खड़ा कर दिया और प्लास्टर नही करने दिया था इसलिए हमलोगों ने ये रास्ता ही बन्द कर दिया है। वही अब देखने वाली बात है कि ग्रामीणों के बीच पुलिस प्रशासन द्वारा किए जा रहे न्याय प्रक्रिया में ग्रामीण का भरोसा कब तक बना पाती है।

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